हिटलर |
द्वितीय विश्व युद्ध में हिटलर की निर्णायक पराजय के बाद बचे हुए यहूदियों को तो उनका देश इस्रायल वापस मिल गया मगर बेचारे भारतवंशी रोमा विभिन्न यूरोपीय राष्ट्रों में बांटकर उसी दमन को आज भी ढो रहे हैं.
राष्ट्रीय समाजवादी जर्मन कामगार पार्टी (Nationalsozialistische Deutsche Arbeiterpartei या NSDAP) यानी नाजी पार्टी का मूल नाम राष्ट्रीय जर्मन कामगार पार्टी था मगर बाद में समाजवादी अजेंडा को सामने रखते हुए १९२० में इसके नाम में "समाजवादी" शब्द जोड़ा गया था.
हाँ, यहाँ हिटलर के समाजवाद को साम्यवाद या नेहरू वाला समाजवाद न समझा जाए. हिटलर को लोकतंत्र के साथ-साथ साम्यवाद से भी चिढ थी और नाज़िओं का समाजवाद साम्यवाद से सिर्फ इसी बात में समान था कि दोनों ही धाराएं प्रचार और दमन के लिए कुख्यात रही हैं. दोनों ही विचारधाराओं का इतिहास अपने से भिन्न विचारधाराओं के प्रति क्रूर असहिष्णुता का है और दोनों ही धाराओं के तानाशाह अपने परम राष्ट्रभक्त होने का दावा करते रहे हैं.
एक तरफ जर्मनी ने इस पुस्तक पर दशकों से लगा प्रतिबन्ध हटाने की घोषणा की है दूसरी ओर बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय युवाओं में हिटलर की लोकप्रियता बढ़ रही है.