भारत में अक्सर लोगों को बी बी सी की निष्पक्षता की दुहाई देते सुना जा सकता है। हालांकि, मैंने कई बार उन्हें बढ़ा-चढ़ा कर खबरें सुनाते हुए पाया। समीक्षाएं भी अक्सर एक-तरफा हुआ करती थीं। भारत छूटा तो बी बी सी भी पीछे छूट गया। फ़िर समय बदला और इन्टरनेट का युग आया। अपने बरेली के अखबार भी रोजाना पढने को मिलने लगे तो फ़िर बी बी सी को तो आना ही था। जब भी समय मिलता है, अन्य समाचार स्रोतों के साथ बी बी सी भी पढ़ लेता हूँ। समाचार और समीक्षाओं के बारे में तो पहले ही लिख चुका हूँ। ज़्यादा नहीं लिखूंगा क्योंकि यह विकलांगता तो उनकी सम्पादकीय नीति का हिस्सा हो सकती है। मगर यह मेरी समझ में नहीं आता कि उनके हिन्दी समाचारों में हर तरफ़ वर्तनी, व्याकरण, प्रूफ़-रीडिंग आदि की गलतियाँ इतनी इफरात में क्यों होती हैं।
कमाल की बात है कि दुनिया के सबसे बड़े समाचार स्रोतों में से एक होने का दावा करने वाले बी बी सी को अपने हिन्दी खंड के सम्पादकीय विभाग के लिए कोई जिम्मेदार कर्मचारी नहीं मिलते। रोज़ ऐसी गलतियाँ झेलते-झेलते आज मुझे लगा कि उनके कुछ पृष्ठों की झलकियाँ आपके साथ बाँट लूँ। चित्र पर क्लिक करके उसका बड़ा रूप देखा जा सकता है।
लापरवाही की पहली गवाही मुखपृष्ठ पर: दुनिया की सबसे बड़ी सर्ज इंजिन गूगल
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEijzJNsY8dIiANPnWIOjsIlOUkUQWIcdyopbJiqCKsgvxrV9nG0cRBq6vDgDPTN5wWBERDqG_JPS1MTeeGM08v_anztS-x-7Lmo8NCdIXv6HWNqxucLOdOId1lj_gWBAfhaKNbfk54mvCU/s320/bbc-1.JPG)
अरे कोई तो इन्हें बताओ कि सही शब्द "प्रयोग" है, "प्रोयग" या "प्रोयोग" नहीं
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiiFwd0TNoff_G6c8FmMKvN9p-G0-KpI39uqCqhVdNMOcbSL5TGzGXSb8u5XxQTNsibJeGm8_GnzERCvjZJbq7eO0uV-bb2uPff4_OEO7gE5qo7G7d9Uu0SaBOO2ghBkPYRycxkafXrwL8/s320/bbc-2.JPG)
अब ज़रा यह प्रयोग भी मुलाहिजा फरमाएं:
सूबा सरहद को इसलिए चुना गया क्योंकि वह जगह पंजाब की जगह ठंडी है.
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh00TBN0MLI4UbOHJCVgzW2LWi9Wa8Fu72kXpt4HrOmuLOnKI-olNQfkjgEHfr7fzBPvi1MbRwji4iC-FefSjOgL8BCZc_5enq6rgII2o30MYRJYjYC2IsNg7ZaciMmJCUPPegJfcfdPtw/s320/bbc-3.JPG)
कमाल की बात है कि दुनिया के सबसे बड़े समाचार स्रोतों में से एक होने का दावा करने वाले बी बी सी को अपने हिन्दी खंड के सम्पादकीय विभाग के लिए कोई जिम्मेदार कर्मचारी नहीं मिलते। रोज़ ऐसी गलतियाँ झेलते-झेलते आज मुझे लगा कि उनके कुछ पृष्ठों की झलकियाँ आपके साथ बाँट लूँ। चित्र पर क्लिक करके उसका बड़ा रूप देखा जा सकता है।
लापरवाही की पहली गवाही मुखपृष्ठ पर: दुनिया की सबसे बड़ी सर्ज इंजिन गूगल
अरे कोई तो इन्हें बताओ कि सही शब्द "प्रयोग" है, "प्रोयग" या "प्रोयोग" नहीं
अब ज़रा यह प्रयोग भी मुलाहिजा फरमाएं:
सूबा सरहद को इसलिए चुना गया क्योंकि वह जगह पंजाब की जगह ठंडी है.